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चकराता पुरोला विधानसभा की 80 योजनाएं निरस्त

पहले नगर पंचायत पुरोला का करोड़ों बजट राजनीति घटनाक्रम के चलते विलोपित ,अब पुरोला विधानसभा में SCP बजट की वापसी पर मचा हड़कंप
विधायक कोटे की योजनाएं निरस्त, जनता में आक्रोश; जिम्मेदारी तय करने की मांग तेज

उत्तरकाशी (विशेष संवाददाता) — जनजातीय बहुल पुरोला विधानसभा क्षेत्र में स्पेशल कंपोनेंट प्लान (SCP) के तहत स्वीकृत बजट की वापसी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। स्थानीय लोगों ने इसे क्षेत्र के साथ गंभीर अन्याय करार देते हुए सवाल उठाए हैं कि जब क्षेत्रीय विधायक मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं, तब भी ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई?

जनता का सवाल — आखिर किसकी शिकायत पर लौटा बजट?

SCP बजट की वापसी के पीछे किसकी शिकायत रही, किस अधिकारी ने किस स्तर पर यह फैसला लिया — यह अब क्षेत्रीय जनता के लिए जिज्ञासा और आक्रोश का विषय बन गया है। चकराता जैसे अन्य आरक्षित क्षेत्रों में योजनाएं बिना किसी अड़चन के लागू हो रही हैं, लेकिन पुरोला में कटौती क्यों?

“जनता सबसे बड़ी है, 2027 नजदीक है” – जनप्रतिनिधियों को चेतावनी

एक वरिष्ठ स्थानीय जनप्रतिनिधि ने तीखे शब्दों में कहा, “जनता सबसे बड़ी होती है। जिसने आपको क्षेत्र का सबसे बड़ा प्रधान बनाया है। 2027 नजदीक है।” यह बयान आने वाले चुनावों की जमीन तैयार करने का संकेत भी माना जा रहा है।

जनता पूछ रही है:

किसने की शिकायत?

किस विषय में की?

किस अधिकारी ने लिया संज्ञान?

SCP के फंड में आखिर कटौती क्यों?

सड़क योजनाएं बनीं ‘श्रेय’ का केंद्र

जहां एक ओर प्रधान जी द्वारा उद्घाटित सेवरी रोड, पीएमजीएसवाई की सड़कें और नैटवाड़-सांकरी-जखोल मोटर मार्ग जैसी परियोजनाओं की चर्चा हो रही है, वहीं लोगों का कहना है कि केवल उद्घाटन से नहीं, योजनाओं के निरस्तीकरण को रोकना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद को धन्यवाद

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और सांसद श्रीमती राज्यलक्ष्मी शाह का क्षेत्रीय जनता ने आभार जताया है, जिनके प्रयासों से PMGSY और CRIF फंड के माध्यम से कई योजनाएं स्वीकृत हुई हैं।

निष्कर्ष:
SCP बजट की वापसी और विधायक कोटे की योजनाओं की निरस्ती ने क्षेत्र में असंतोष की लहर पैदा कर दी है। अब जनता की निगाहें शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर टिकी हैं — क्या वे जनता की आवाज़ को सुनेंगा ।

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